
पहाड़ों पर लगातार होती बर्फबारी जहां कई स्थानों पर परेशानी उत्पन्न कर रही है, वहीं इस साल हुई भारी बर्फबारी से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. काश्तकार इस साल हुई भारी बर्फबारी को फसलों के साथ ही पर्यावरण के लिए फायदेमंद मान रहे हैं. रुद्रप्रयाग बढ़ाणीताल में भी 4 साल बाद इतनी भारी बर्फबारी हुई है. काश्तकार बर्फबारी को आलू, गेहूं, जौ, सरसों, मटर, मेथी की फसलों के लिए लाभकारी मान रहे हैं. साथ ही जमीन व खेतों की नमी के लिए भी फायदेमंद माना जा रहा है. वहीं पर्यावरण के हिसाब से देखा जाए तो भारी बर्फबारी से ग्लेशियरों की स्थिति में भी सुधार आया है. इससे आने वाले समय में पेयजल किल्लत में भी कमी आने की संभावना है.
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