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ब्रह्मलीन जगद्गुरु रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य का अस्थि रविवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हरिद्वार के कनखल स्थित सती घाट पर गंगा में प्रवाहित किया गया. इस मौके पर योग गुरु बाबा रामदेव समेत बड़ी संख्या में साधु-संत और स्वामी हंसदेवाचार्य के शिष्य और समर्थक मौजूद रहे. शनिवार शाम को स्वामी हंसदेवाचार्य का अंतिम संस्कार हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट पर किया गया था. रविवार सुबह खुद योगगुरु बाबा रामदेव खड़खड़ी श्मशान घाट पहुंचे और दिवंगत स्वामी रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य के अस्थि एकत्र कर पैदल ही कनखल के सती घाट पहुंचे. पूरे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ अस्थि कलश गंगा में प्रवाहित किया गया. योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि ब्रह्मलीन संत स्वामी हंसदेवाचार्य का जाना अपूरणीय और उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है. उन्होंने कहा कि संत हंसदेवाचार्य के राम मंदिर निर्माण, देश संस्कृति और उनके अधूरे कार्यों को आगे बढ़ाने में पतंजलि योगपीठ बढ़ चढ़कर हिस्सा लेगी.
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