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उत्तराखण्ड में पर्यटन के लिहाज से प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ धार्मिक स्थलों की भरमार है. जिसके चलते हर साल लाखों पर्यटक देवभूमि में आते हैं. अब सूबे में पर्यटन विभाग ने गोत्र पर्यटन के नाम से एक बड़ी परियोजना की रूपरेखा तैयार की है. हिन्दू धर्म में हर जाति वर्ग में गोत्र का प्रचलन है. इसी गोत्र को लेकर अब सूबे का पर्यटन विभाग एक बड़े प्रोजेक्ट पर काम करने में लगा है. सूबे में इस प्रोजेक्ट की खुद मुख्यमंत्री के स्तर से मॉनिटरिंग भी की जा रही है. पहले चरण में गोत्रों से जुड़े स्थलों की तलाश का काम शुरू कर दिया गया है. इसको लेकर पर्यटन विभाग अपना ब्लू प्रिंट तैयार कर जल्द ही राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के पास भेजने वाला है.देवभूमि ने कई स्थलों पर प्राचीन सप्त ऋषि और कई ऋषियों के आश्रम और स्थल रहे हैं. जहां पर उन्होंने अपने गृहस्थ आश्रम को भी व्यतीत किया है. इन्हीं ऋषियों की संतानों के तौर पर हिन्दू धर्म में लोग अपने आपको ऋषियों की संतान मानते हैं. इन्हीं के नाम पर लोगों के गोत्र होते हैं. (रिपोर्ट- किशोर रावत)
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