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पौड़ी गढ़वाल के लैंसडाउन वन प्रभाग क्षेत्र के अंतर्गत तिमली (डाबर) गांव में दर्जनों मवेशियों को अपना शिकार बना चुके आठ वर्षीय 200 किलोग्राम वजनी भालू से ग्रामीणों को छुटकारा मिल गया. वन विभाग की टीम ने भालू का रेस्क्यू कर उसका उपचार करने के बाद उसे सुरक्षित घने जंगल में छोड़ दिया. बता दें कि द्वारीखाल ब्लॉक के तिमली डाबर गांव में पिछले छह सालों से भालू मवेशियों को शिकार बना रहा था. 27 नवंबर को भी यह भालू मवेशी की तलाश में गांव के एक गोशाला में घुस गया और दो गायों को अपना शिकार बना लिया. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने भालू को ट्रेंक्यूलाइज किया. फिर गांव से सड़क तक दो किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई में भालू को अपने कंधों पर लादकर वन विभाग की टीम सड़क पर लाई. यहां से भालू को उपचार के लिए हरिद्वार के चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर लाया गया. भालू का उपचार करने के बाद उसे घने जंगलों में छोड़ दिया गया. डीएफओ वैभव सिंह ने बताया कि भालू स्वस्थ है और जिस जंगल में उसे छोड़ा गया है वहां उसके लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन मौजूद है. (लैंसडाउन से अनुपम की रिपोर्ट)
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